पर्यटन स्थल होने के बावजूद विश्व विख्यात महाकवि नरोत्तमदास की जन्मस्थली मार्ग पर चलना हुआ दूभर




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भजपा विधायक के कहने से भी नहीं लिया अधिकारियों ने कोई सुध ]

[ 'सुदामा चरित' विश्व विख्यात है! अपने काव्य से दुनिया भर में विख्यात महाकवि नरोत्तमदास की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल का दर्जा तो प्राप्त है, लेकिन सरकार की उपेक्षा की शिकार नरोत्तम की धरती पर बरसात में चलना किसी टास्क से कम नहीं है! ]

सीतापुर :NKB NEWS :- भारत की धरती से कई महान हिंदी कवियों ने विश्व पटल पर अपना नाम जग जाहिर किया! देश को समृद्ध हिंदी साहित्य देने वाले कलमकारों ने अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया! कई कलमकारों ने शब्दों की माला पिरोकर कई उपन्यास, कविताएं और कहानियां लिखीं! हालांकि हिन्दी साहित्य में ऐसे लोग विरले ही हैं, जिन्होंने मात्र एक या दो रचनाओं के आधार पर हिन्दी साहित्य में अपना स्थान सुनिश्चित किया है!

बाड़ी गांव की मुख्य टूटी-फूटी और उबड़-खाबड़ सड़क जिस पर चलने की बात आते ही यात्रियों का मूड खराब हो जाता है! कोई ज़रूरत पड़ने पर लगता है जैसे इस पर चलने की सजा दी जा रही हो! सड़क की दुर्दशा से ग्रामीण निराश हैं जिनको हर रोज़ इस पर चलना मजबूरी है!महाकवि नरोत्तमदास का जन्म सीतापुर ज़िले के बाडी गांव में 15वीं सदी में हुआ था! आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार 'सुदामा चरित' छोटी रचना है जो बहुत सरस और कवि की भावुकता का परिचय देती है! हालांकि अपने एक ही काव्य से दुनिया भर में विख्यात लेखक की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल का दर्जा तो प्राप्त है, लेकिन सरकार की उपेक्षा की शिकार नरोत्तम की धरती बदहाली के आंसू बहा रही है!

बाड़ी गांव की दो मुख्य सड़क हैं, जिसमें एक मार्ग गांव के अंदर जाता हैं तो दूसरा एम कालेज होते हुए नेशनल हाईवे पर निकलता हैं, यह दोनों मार्ग काफी जर्जर, उबड़-खाबड़, जगह-जगह बन आए गड्ढे, जिसमें कहीं पानी भरा है तो कहीं रोड़ी और कहीं कीचड़ जमा है, बाड़ी गांव की सड़क का हाल यह है कि जहां गर्म मौसम में सड़कों पर पूरे दिन धूल उड़ती रहती है औऱ हल्की बारिश हो जाए तो पानी भर जाता है! 

बरसात का सीजन होने पर के कारण सड़कों के गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटना की आशंका भी बढ़ गई है! सड़क की इस स्थिति से नागरिक खासे नाराज हैं! बार-बार गुहार लगाने के बावजूद भी सड़क नहीं सुधर पाई है! देखरेख के अभाव एवं गुणवत्ता में कमी के चलते ये सड़क काफी जर्जर हो गई हैं और अब ये जनता के लिए परेशानी का सबब बनकर आए दिन दुर्घटना को आमंत्रित करते रहती हैं! मजबूरी में जनता उन बदहाल सड़कों पर यात्रा करने को मजबूर है! खास बात तो यह है कि इन सड़कों पर विकास का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि भी यात्रा करते हैं! इन मार्गो पर सबसे अधिक परेशानी पैदल, दोपहिया औऱ चार पहिया वाहन के आने-जाने वालों को होती है! सड़क पर बन आए गढ्डों से बचने के लिए आड़े-तिरछे तरीके से चल रही गाडि़यों के पलटने का डर सताया रहता हैं!

स्थानीय लोगों की मानें तो क्षेत्रीय विधायक मनीष रावत को कुछ दिन पहले एम कॉलेज के एक कार्यक्रम में ग्रामीण जनता ने सड़क की मरम्मत के लिए शिकायत की थी, विधायक ने यह आश्वासन भी दिया, कि बाड़ी गांव के इस मार्ग की मरम्मत जल्द करवा दिया जाएगा! बॉडी ग्राम का मुख्य रोड पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त है, जहां साल भर पानी भरा रहता है, बड़ी ग्राम की जनसंख्या लगभग 22000 है! इस मार्ग पर उप खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, मुख्य बाजार व ऐम महाविद्यालय आदि स्थित है! 

बाड़ी गांव का यह हाल है कि गांव के अंदर तक जाने वाले दो मुख्य मार्ग है, एक गांव के अंदर जाता हैं तो दूसरा एम कालेज होते हुए नेशनल हाईवे की ओर जाता हैं, हल्की बारिश हुई नहीं कि सड़क पर लबालब पानी जमा हो जाता है! मंगलवार को हुई बारिश के बाद इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है! ग्रामीण इसे दुरुस्त कराने के लिए कई बार ज़िला प्रशासन, क्षेत्रीय प्रशासन को लिख चुके हैं! लेकिन उनका आरोप है कि कोई सुनवाई नहीं हुई! जहां कुछ ही समय पहले कार्य कराया गया था! सड़कों की बारिश से दशा खराब हो जाने से वाहन चालक, पैदल सफर करने वाले राहगीर औऱ स्कूल जाने वाले छात्रो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है!

स्थानीय विधायक मनीष रावत ने रोड को तुरंत सही कराने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए थे, किंतु दुख की बात है की अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई, मुख्यमंत्री की गड्ढा मुक्त रोड करने की छवि को अधिकारी खुलेआम धूलमित्र निर्मित कर रहे हैं!!

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