पित्त की थैली में पथरी की समस्या, घरेलू इलाज
( ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती है!)
लक्षण (Symptoms)
बदहजमी,
खट्टी डकार,
पेट फूलना,
एसिडिटी,
पेट में भारीपन,
उल्टी,
पसीना आना जैसे लक्षण नजर आते हैं!
गॉलब्लेडर में पथरी होने पर क्या खाना चाहिए :-
-नाशपाती
-खट्टे फल खाएं
-रोजाना एक चम्मच हल्दी को खाएं
-सुबह खाली पेट 50 मि.ली. नींबू का रस पीना
-गाजर और ककड़ी के रस को 100 मि.ली. की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीना
-तली और मसालेदार चीजों से दूर रहें और संतुलित भोजन ही करें!
-शराब,
सिगरेट,
चाय,
कॉफी तथा शक्कर युक्त पेय हानिकारक है!इनसे जितना हो सके बचने की कोशिश करें!
-एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली(immune system) मजबूत बनती है। यह कोलेस्ट्रॉल को पित्त में बदल देता है। इसकी तीन से चार गोली रोज लेने पर पथरी में लाभ होता है!
-ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हरी सब्जियां और फल खाना क्युकी इनमे कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होता है और प्रोटीन की जरूरत भी पूरी करते हैं!
पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन जैसी चीजों के जमने से अक्सर हमें पथरी की शिकायत हो जाती है, और अगर समय पर इलाज ना कराया जाये तो गॉलब्लेडर में कैंसर भी हो सकता है!
पित्त की पथरी मतलब गॉल्स्टोन जो पित्ताशय(gall bladder) की थैली में बनते हैं काफी दर्दनाक और भयावह स्थिति पैदा कर सकता है अगर उसका टाइम से इलाज ना किया जाये| कभी-कभी तो ऑपरेशन करने तक की नौबत आ जाती है जब हम खान-पान को ठीक नहीं कर पाते हैं और पथरी बड़ी हो जाती है!
घरेलू उपाय और पित्ताशय (gallbladder) गॉलब्लेडर में स्टोन का करें घरेलू उपचार!
पित्ताशय की पथरी क्या होती है!
लगभग 80% पथरी कोलेस्ट्रॉल से ही बनती है। पित्त लिवर में बनता है और इसका संग्रह(collection) गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त फैटी भोजन को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तब पथरी बन जाती है!
-ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हरी सब्जियां और फल खाना क्युकी इनमे कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होता है और प्रोटीन की जरूरत भी पूरी करते हैं।
योग (yoga for gall bladder stone)
-सर्वांगासन
-शलभासन
-धनुरासन
-भुजंगासन
पित्ताशय की पथरी के लिए घरेलू उपचार :-
1) सेब (Apple)- एक गिलास सेब के रस में सेब साइडर सिरका का एक बड़ा चम्मच मिलाकर रोजाना दिन में एक बार खाना चाहिए। पित्ताशय की पथरी के लक्षण से आराम दिलाने में सेब का सिरका बहुत ही फायदेमंद होता है!
2) नाशपाती (Pear)- नाशपाती में पेक्टिन नामक कंपाउंड होता है जो कोलेस्ट्रॉल से बनी पथरी को नरम बनाता है ताकि वे शरीर से आसानी से बाहर निकल सकें। और पथरी से होने वाले दर्द और अन्य लक्षणों में काफी फायदेमंद होता है!
3) चुकंदर, ककड़ी, और गाजर का रस (Beetroot, Cucumber, Carrot Juice)- पित्ताशय की थैली को साफ और मजबूत करने और लीवर की सफाई के लिए चुकंदर , ककड़ी और गाजर के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से पेट और खून की सफाई में भी मदद करता है।
4) पुदीना (Mint)- पुदीने में टेरपिन नामक कंपाउंड पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को तोड़ता है। पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना के पिया जा सकता है!
5) इसबगोल (Isabgol)- इसबगोल पित्ताशय की थैली की पथरी के इलाज के लिए बहुत जरुरी है। इसबगोल पित्त में कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और पथरी को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इसे भोजन के साथ या रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी के साथ भी लिया जा सकते है!
6) नींबू (Lemon)- नींबू का रस सिरके की तरह कार्य करता है और लीवर में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है। हर रोज खाली पेट चार नींबू का रस लें। इस प्रक्रिया को एक हफ्ते तक अपनाएं। इससे पथरी की समस्या आसानी से दूर हो सकती है।
7) लाल शिमला मिर्च (Red Capsicum)- 2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पथरी की समस्या कम करता है। एक लाल शिमला मिर्च में लगभग 95 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है, यह मात्रा पथरी को रोकने के लिए काफी होती है। इसलिए अपने आहार में शिमला मिर्च को शामिल करें!
8) हल्दी (Turmeric)- हल्दी पित्ताशय की पथरी के लिए यह एक बढ़िया घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री होती है। हल्दी पथरी को आसानी से तोड़ने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती है!!
