श्रम विभाग चला रहा है एक सूत्रीय वसूली अभियान, ड्राइवर के माध्यम से होती है वसूली
( हिलाल अख्तर की विशेष रिपोर्ट )
( बाल मजदूरों की शिक्षा और भरणपोषण की व्यवस्था के नाम पर शून्य हैं विभागीय सेवाएं )
( रेलवेस्टेशन,बस स्टेशन और बाजारों मे भीख माँग रहे बच्चों के लिए विभाग के पास नहीं है कोई कार्ययोजना, साहब का उड़नखटोला बना जिले मे चर्चा का विषय )
सीतापुर :- सफेद बुलेरो मे एक ड्राइवर/कैमरामैन एक अधिकारी एक इंस्पेक्टर और दो सिपाही यह उड़नदस्ता है श्रम विभाग का जो आजकल सर्वे की आड़ मे वसूली अभियान चला रहा है! छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को श्रम एक्ट का डर दिखा कर जेल भेजने की बात कह कर एक सूत्रीय वसूली अभियान चलाया जा रहा है!
सूत्रों की माने तो श्रम विभाग की इस टीम की बुलेरो का ड्राइवर पहले दुकान पर जाकर वीडियो बनाता है,बाद मे अधिकारी महोदय बिना परिचय दिए एक शातिर ट्रैफिक दरोगा की तरह अपनी पोथी पत्रा निकाल कर चालान भरने लगते हैं, पूरा नाम पता लिखने के बाद लेनदेन के लिए तयतोड़ शुरू होता है अगर बात बन जाती है तो मामला वहीं पर रफा-दफा कर दिया जाता है, अगर बात नहीं बनती है तो अगले दिन कार्यालय पर बुलाया जाता है,जहाँ पर ड्राइवर के माध्यम से पैसा वसूला जाता है, विभागीय सूत्रों के अनुसार इस वसूली का एक हिस्सा लखनऊ मे बैठे अधिकारियों तक भेजा जाता है यही नहीं उच्चाधिकारियों को महंगे गिफ्ट और घरेलू फर्नीचर देकर उपकृत किया जाता है!
उल्लेखनीय है कि बाल मजदूरी के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है,लेकिन रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन तथा बाजारों भीख मांग रहे बच्चों की शिक्षा और भरणपोषण की व्यवस्था के नाम पर विभाग की सेवाएं शून्य मात्र हैं, लेकिन इतना जरूर है कि बाल शोषण के नाम पर विभाग के अधिकारियों द्वारा ईंट भठ्ठा, दरी फैक्ट्रियों, होटल-ढाबों और लघु उद्योग से जुड़े तमाम कारखानों से नियमित माहवारी वसूलने का काम सीना चौड़ा करके अंजाम दिया जा रहा है!!
क्रमशः अगले अंक में पढ़े ...…



