अमर शहीद अल्लामा फ़ज़ले हक़ खैराबादी की क़ुर्बानी को कभी भुलायी नहीं जा सकती हैं - क़ारी इस्लाम आरफ़ी







 खैराबाद (सीतापुर): NKB NEWS :- स्थानीय मदरसा अल्लामा फजले हक खैराबादी मेमोरियल कॉलेज में 1857 के अमर शहीद मर्दे मुजाहिद जलील हज़रत अल्लामा फजले हक खैराबादी अलैहिर्रहमा की 161 वीं पुण्य तिथि पर मदरसा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया इससे पूर्व बच्चों एवं शिक्षकों ने प्रभात फेरी निकाल कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की बच्चे जुलूस की शक्ल में चल रहे थे  और नारे भी लगा रहे थे उनकेअल्लामा फजले हक़ अमर रहे मंगल पांडेय अमर रहे के जोशीलेनारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा सबसे पहले बच्चे राजा हरि प्रसाद स्मारक पर पहुंचे जहां विगत वर्षो की भांति समिति अध्यक्ष एवं प्रबन्धक नजमुल हसन उस्मानी शोएब मियां , प्रिंसिपल एहतिशाम आलम ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए इसके बाद अल्लामा फजले हक़ स्मारक पर पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर बच्चों एवम उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए क़ारी इस्लाम अहमद आरफ़ी ने कहा कि अल्लामा फजले हक़ अलैहिर्रहमा की 1857 की कुर्बानी को फरामोश भुलाया नही जा सकता पर अफसोस है कि आज हमारी तारीख अर्थात इतिहास में कहीं भी आपका नाम तक नही दर्ज है!

मालूम हो कि 1857 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद अल्लामा फजले हक खैराबादी ने मुसलमानों को जेहाद का फतवा दिया कि अंग्रेजों हिन्दुस्तान छोडो इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग घरों से बाहर निकल करअंग्रेजों से युद्व करने मैदान में आ गए जिसमे सैकड़ों की तादाद में उलमाए किराम मौलानाओं को क़त्ल कर दिया गया और आपको गिरफ्तार करके मुक़दमा चलाया गया 1857 में आपको काले पानी की सज़ा देते हुए अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के क़ैद खाने में काले पानी की सज़ा बोलते हुए क़ैदख़ाने में डाल दिया गया जेल यानी बैरक की हालत ये थी कि न सीधे खड़े हो सकते न लेट सकते थे इतनी सख़्त सज़ा दी गई तत्पश्चात 20 अगस्त 1861 को आप की मृत्यु उसी क़ैदख़ाने में हो गई।इसी कारण आज हम सब उनको श्रधांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए हैं!

इसी अवसर पर समिति अध्यक्ष एवं कार्यवाहक प्रबंधक दरगाह बड़े मखदूम साहब के सज्जादानशीन नजमुल हसन शोएब मियां ने कहा कि अल्लामा साहब के नाम से इस संस्था को कायम किया गया क्योंकि शिक्षा के द्वारा ही सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकती है।और आज भी यहां से सैकड़ों बच्चे शिक्षा ग्रहण करके निकल रहे हैं इसके बाद बच्चे नई बाजार,लतीफ़ मार्केट, बी सी एम हॉस्पिटल होते हुए बच्चे मदरसे पहुंचे जहां पर एक सभा हुई तथा इसाले सवाब भी किया गया।!

संस्था के संस्थापक व्यवस्थापक काज़िम हुसैन ने अपने वक्तव्य में कहा कि अल्लामा फजले हक़ इसी क़स्बा खैराबाद के रहने वाले थे और बेहतरीन शिक्षक तो थे ही साथ मे एक अच्छे शायर व सहाफी भी थे उनकी याद को हमेशा क़ायम रखने के लिए ही इस संस्था की स्थापना 1993/94 में कई गई थी ताकि पढ़ लिखकर बच्चा जब बड़ा हो तो अल्लामा फजले हक़ की शिक्षा को आगे तक बढ़ाए!

इस मौके पर मदरसे के शिक्षको में अब्दुल हफ़ीज़, हाफ़िज़ मुशीर, सिराज अहमद रुबीना परवीन, कौसर जहां,निकहत आदि ने प्रतिभाग किया तथा एहतिशाम आलम प्रधानाचार्य ने संचालन एवम आभार व्यक्त किया!!

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