अपने अच्छे समय मे आप किसी को दुत्कारिये मत!




( ये वक़्त है जो सबका आता है लेकिन हमेशा के लिये नहीं! समय और भाग्य अगर आपके साथ नही हैं तो आपकी कीमत दो कौड़ी की है! )

एक सुपर स्टार थे .. राजेश खन्ना! शूटिंग के बाद रात तीन बजे तक स्काच पीते थे! चार बजे खाना खाते थे! शूटिंग होती थी सुबह दस बजे, पहुंचते थे, शाम चार बजे! एक दिन एक बहुत स्वाभिमानी निर्माता ने कहा काका घड़ी देख रहो हो! घमंड से चूर काका ने कहा-हम नहीं घड़ी हमारा टाइम देखती हैं हमारी घड़ी 5 लाख की है और चश्मा तीन लाख का  पैसा बहुत था  फेंकते भी बहुत थे!

निर्देशक ने बिना शूटिंग किए पैकअप किया और बोले जो वक्त की इज्ज़त नहीं करता  वक्त उन्हें  सबक सिखा देता है! एक समय ऐसा भी आया जब काका के पास वक़्त ही वक़्त  था! ना फिल्में थीं, न शूटिंग थी, ना बीवी थी, ना बच्चे थे और न ही पैक अप कहने वाला! चमचों के साथ अपनी पुरानी फिल्मों को देख कभी खुश होते तो कभी रोते रहते, सभी साथ छोड़ गए! अकेले पीकर और दो कौर खाकर लुढ़क जाना ही उनकी नियति बन गयी थी और बाकी की कहानी सब जानते है!

ये वक़्त है जो सबका आता है लेकिन हमेशा के लिये नहीं! समय और भाग्य अगर आपके साथ नही हैं तो आपकी कीमत दो कौड़ी की है, हो सकता है कर्म और पुरुषार्थ की भी कोई महत्ता हो लेकिन कर्म करने के लिए आप जिंदा भी रहेंगे या नहीं ये आपका भाग्य तय करता है आपका पुरुषार्थ नहीं!

अच्छे समय को भरपूर जियें लेकिन बुरे वक्त के लिए भी तैयार रहें! आपके बुरे वक्त में कोई आपके साथ हो न हो अपने अच्छे समय मे आप किसी को मत दुत्कारिये! विनम्रता अच्छे समय की पूंजी है और अहंकार आपके अच्छे समय को असमय ही खत्म कर देने वाला हथियार

ये एक शाश्वत सत्य है जो सब पर बराबर लागू होता है…..

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