कुदरत पर विश्वास करके तो देखें, यकीनन आपकी सोंच में बदलाव आ जाएगा!



  👉 ●●त्रिफला●●

किसी भी रूप में थोड़ा सा त्रिफला हर रोज़ खाते रहे, जीवन भर उच्च रक्तचाप और हार्ट फेल नहीं होगा। 

👉 ●●दातून●●

दातून हमारे पूर्वजों की वो विरासत हैं जिसको अगर हम संभाल ले तो आरोग्य जीवन का खज़ाना प्राप्त कर सकते हैं। दातून सिर्फ दाँतो के लिए ही लाभदायक नहीं हैं वरन ये हमारे सम्पूर्ण शरीर के जटिल रोगो से लड़ने में भी बहुत सहायक हैं। मगर आज पाश्चात्य जगत के पिछलगू बन कर हमने अपनी इस महान धरोहर को भुला दिया, इसी के परिणामस्वरूप हम आज ऐसी अस्वस्थ परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

👉 ●●मेथी●●

मेथी दाना पीसकर रख ले।

एक चम्मच एक गिलास पानी में उबाल कर नित्य पियें। लेकिन मीठा या नमक कुछ भी नहीं डाले इस पानी में।

इससे आंव नहीं बनेगी, शुगर कंट्रोल रहेगी, जोड़ो के दर्द नहीं होंगे और पेट ठीक रहेगा।

👉 ●●नेत्र स्नान●●

मुंह में पानी का कुल्ला भर कर नेत्र धोये। ऐसा दिन में तीन बार करे। जब भी पानी के पास जाए मुंह में पानी का कुल्ला भर ले और नेत्रों पर पानी के छींटे मारे, धोये। मुंह का पानी एक मिनट बाद निकाल कर पुन: कुल्ला भर ले। मुंह का पानी गर्म ना हो इसलिए बार बार कुल्ला नया भरते रहे! भोजन करने के बाद गीले हाथ तौलिये से नहीं पोंछे। आपस में दोनों हाथो को रगड़ कर चेहरा व कानो तक मले। इससे आरोग्य शक्ति बढ़ती हैं। नेत्र ज्योति ठीक रहती हैं!

👉 ●●छाछ●●

तेज और ओज बढ़ाने के लिए छाछ का निरंतर सेवन बहुत हितकर हैं। सुबह और दोपहर के भोजन में नित्य छाछ का सेवन करे। भोजन में पानी के स्थान पर छाछ का उपयोग बहुत हितकर हैं!

👉कानो में तेल सर्दियों में हल्का गर्म और गर्मियों में ठंडा सरसों का तेल तीन बूँद दोनों कान में कभी कभी डालते रहे। इस से कान स्वस्थ रहेंगे।

👉 ●●निद्रा●●

दिन में जब भी विश्राम करे तो दाहिनी करवट ले कर सोएं। और रात में बायीं करवट ले कर सोये। दाहिनी करवट लेने से बायां स्वर अर्थात चन्द्र नाड़ी चलेगी और बायीं करवट लेने से दाहिना स्वर अर्थात सूर्य स्वर चलेगा। इसके लिए स्वर विज्ञान की बहुत पुरानी कहावत हैं।

👉 ●●ताम्बे का पानी●●

रात को ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ पानी सुबह उठते बिना कुल्ला किये ही पिए, निरंतर ऐसा करने से आप कई रोगो से बचे रहेंगे। ताम्बे के बर्तन में रखा जल गंगा जल के समान शक्तिशाली माना गया हैं। परंतु पित्त परवर्ती वालों को तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए या जिनको एसिडिटी की दिक्कत रहती है वह ना पिए

👉 ●●सौंठ●●

सामान्य बुखार, फ्लू, जुकाम और कफ से बचने के लिए पीसी हुयी आधा चम्मच सौंठ और ज़रा सा गुड एक गिलास पानी में इतना उबाले के आधा पानी रह जाए। रात को सोने से पहले यह पिए। बदलते मौसम, सर्दी व वर्षा के आरम्भ में यह पीना रोगो से बचाता हैं। सौंठ नहीं हो तो अदरक का इस्तेमाल कीजिये।

👉 ●●टाइफाइड●●

चुटकी भर दालचीनी की फंकी चाहे अकेले ही चाहे शहद के साथ दिन में दो बार लेने से टाइफाईड नहीं होता।

👉 ●●ध्यान●●

हमारा शरीर हमारे मन के विचारो का आइना हैं, जैसा हमारा मन होगा वैसा ही हमारा ये तन होगा, इसलिए ज़रूरी हैं के हम अपने मन के स्वस्थ्य पर पूर्ण ध्यान दे। ध्यान स्वस्थ्य को पाने की अनूठी विधि हैं, हमारे पूर्वजो ने इसको बहुत पहले ही समझ लिया था, जिस कारण से उन्होंने अनेक विधियों का निर्माण किया, जिस से हम ध्यान मार्ग से अपने स्वस्थ को पा सके! आज पाश्चात्य जगत में इसकी बहुत महिमा हैं, जिस कारण ये विदेशो से होता हुआ हमारे पास वापिस आ रहा हैं। हर रोज़ कम से कम 15 से 20 मिनट मैडिटेशन ज़रूर करे।

👉 ●●नाक●●

रात को सोते समय नित्य सरसों का तेल नाक में लगाये! हर तीसरे दिन दो कली लहसुन रात को भोजन के साथ ले! प्रात: दस तुलसी के पत्ते और पांच काली मिर्च नित्य चबाये। सर्दी, बुखार, श्वांस रोग नहीं होगा। नाक स्वस्थ रहेगी।

👉 ●●मालिश●●

मालिश की आयुर्वेद में बहुत महिमा हैं। इस से शरीर का रक्त गतिमान रहता हैं, बुढ़ापा और रोग दोनों ही नज़दीक नहीं फटकते। स्नान करने से आधा घंटा पहले सर के ऊपरी हिस्से की सरसों के तेल से मालिश करे। इस से सर हल्का रहेगा, मस्तिष्क ताज़ा रहेगा। रात को सोने से पहले पैर के तलवो, नाभि, कान के पीछे और गर्दन पर सरसों के तेल की मालिश कर के सोएं। निद्रा अच्छी आएगी, मानसिक तनाव दूर होगा। त्वचा मुलायम रहेगी। सप्ताह में एक दिन पूरे  शरीर में मालिश ज़रूर करे!!

Dr Syed Shahabuddin Ahmed- MD (ayurvedic medicine)

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