कश्मीर की एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शाहिदा परवीन!



 ( अनगिनत एनकाउंटर करने वाली शाहिदा परवीन ने कहा, डर नाम की कोई चीज नहीं होती )

( शाहिदा परवीन कहती हैं कि आप कुछ करो या न करो अपने पति, अपने परिवार और बच्चों का साथ कभी मत छोड़ो! अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना गुनाह है! )

[ NKB NEWS ]

 शाहिदा परवीन जब राजौरी में तैनात हुई थी तो मात्र चार लड़कों को लेकर एक छोटा-सा ग्रुप तैयार किया था! धीरे-धीरे यह ग्रुप बढ़ते-बढ़ते 80 लड़कों का हो गया था! वर्ष 2002 में शाहिदा को सीआईडी के जम्मू इंटेरोगेशन सेंटर में तैनात कर दिया गया और उसके बाद 2007 में विशेष प्रतिनियुक्ति पर नागालैंड भेजा गया! 2009 में उन्हें वापस जम्मू-कश्मीर बुलाया गया है!

एक वक्त में कई जिम्मेदारियां - 

शाहिदा डीएसपी होने के साथ-साथ एक आर्मी ऑफिसर की पत्नी और दो बेटों की मां भी हैं! वह कहती हैं, ''एक औरत ही है जो इतने सारे किरदार एक साथ निभा सकती है! मेरे पति आर्मी में मेजर हैं! उनकी पत्नी होने के नाते मेरी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं! उन्हें अक्सर घर से बाहर रहना पड़ता है! उनकी अनुपस्थिति में बच्चों को भी दोगुना प्यार और परवरिश देनी होती है! इसके लिए जरूरी है कि अपनी प्रत्येक जिम्मेदारी के साथ सामंजस्य बिठा लिया जाए! ताकि कोई भी जिम्मेदारी आप पर बोझ न साबित हो! 

इस मामले में शाहिदा अपने आप को खुशकिस्मत।मानती हैं, कि ऊपर वाले ने मुझे बहुत अच्छा जीवन साथी दिया है! बचपन से उन्होंने बहुत तकलीफें देखी हैं, पर जब होश आया, अपने आप को कुछ करते हुए पाया! जी जान से जुटे रहना उनका फलसफा है! बस सपनों को मरने मत दो! सपने देखों, लेकिन आंख मूंदकर नहीं, खुली आंखों से, कामयाबी में अंधा होकर सब कुछ छोड़ देना समझदारी नहीं है! मौजूदा हालात को देखते शाहिदा परवीन कहती हैं कि आप कुछ करो या न करो अपने पति, अपने परिवार और बच्चों का साथ कभी मत छोड़ो! अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना गुनाह है!

सबसे मुश्किल काम है मां होना -

शाहिदा जब हमें अपनी जिंदगी के हर पहलू से रूबरू करवा रही थीं, तब उनके दोनों बच्चे मुंह पर कपड़ा लपेटकर हाथ में खिलौना बंदूक लिए 'डाकू-डाकू' खेल रहे थे! हमें कुछ देर के लिए रुकना पड़ा तब जब डाकुओं के सरदार ने हमारे लिए भी तोहफे में एक छोटी सी खिलौना गन भेजी! हंसते हुए शाहिदा को कहना ही पड़ा, ''जिंदगी भर नई-नई चुनौतियों का सामने करने के बाद अब मुझे लगता है कि इस दुनिया का सबसे मुश्किल काम है मां होना! वह भी दो बेटों की, लड़कियां फिर भी शांत और कहना मानने वाली होती हैं, लेकिन लड़के उफ्फ, ये तो नाक में दम कर देते हैं! इन्हें बड़े प्यार से इन्हीं के शरारती लहजे में संभालना पड़ता है!!

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