कोर्ट ने धर्म जाति के आधार पर व्यक्ति को नाम बदलने का मौलिक अधिकार बताया!
प्रयागराज :- दस्तावेजों में नाम बदलवाना एक जटिल प्रक्रिया माना जाता है! इसके लिए लोगों को लंबी कार्रवाई करनी पड़ती है और काफी समय भी लग जाता है! ऐसे ही एक मामले में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है! कोर्ट ने स्कूली दस्तावेजों में नाम बदलवाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया!
कोर्ट धर्म जाति के आधार पर व्यक्ति को नाम बदलने का मौलिक अधिकार बताया! न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए निर्देश भी दिया है!
याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया फैसला-
जानकारी के मुताबिक इलाहबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश एमडी समीर राव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है! शहनवाज ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम एमडी समीर राव रख लिया! याचिकाकर्ता ने अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद स्कूली दस्तावेजों में नाम बदलने की अर्जी दी थी, जिसे बोर्ड ने नियमों का हवाला देते हुए मना कर दिया था! याची ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंक प्रमाण पत्र में नाम बदलने के लिए आवेदन किया था! याची के आवेदन को तय समय सीमा खत्म होने के आधार पर यूपी बोर्ड ने खारिज कर दिया था? याची ने बोर्ड के इस फैसले को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी!
कोर्ट ने माना संविधान के विरुद्ध
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नाम बदलने के अधिकार को रोकना मनमाना और संविधान के विरुद्ध बताया! कोर्ट ने इंटरमीडिएट रेग्युलेशन 40 को संविधान के अनुच्छेद 25 के खिलाफ बताया! कोर्ट ने केंद्र सरकार के गृह सचिव और प्रदेश के मुख्य सचिव को लीगल फ्रेम वर्क तैयार करने का दिया निर्देश भी दिया है! बोर्ड के मुताबिक समीर राव ने नाम बदलवाने की एप्लीकेशन काफी देर दी थी! इसलिए देर से आवेदन करने पर कोर्ट ने एप्लीकेशन खारिज कर दी! कोर्ट ने माना कि कोर्ट को अपनी मर्जी से नाम रखने का अधिकार है!!
