हर 6 में से एक मौत कैंसर से होती है- डॉ.विवेकानंद सिंह




इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन सीतापुर एवं मेदांता अस्पताल के सयुंक्त तत्वाधान में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

सीतापुर :NKB NEWS :- गुरुवार को इण्डियन मेडिकल एसोशियेशन सीतापुर एव मेदांता अस्पताल, लखनऊ  द्वारा ओरल कैंसर व न्यूरो सर्जरी की अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति पर एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन सिविल लाइन में स्थित आई एम ए भवन  मे किया गया!

 कार्यक्रम का शुभारम्भ आई एम ए सीतापुर के अध्यक्ष डा पी के धवन द्वारा किया गया, अतिथियों का स्वागत उपाध्यक्ष डा विनोद त्रिपाठी द्वारा किया गया, कार्यक्रम एव मेदान्ता अस्पताल से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों का परिचय सह सचिव डा गोपाल सिंह द्वारा कराया गया! कार्यक्रम में मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ से आये डॉ. विवेकानंद सिंह, निदेशक हेड एन्ड नैक ऑन्कोलॉजी, डॉ. प्रार्थना सक्सेना, सह निदेशक न्यूरो सर्जरी विभाग  प्रमुख वक्ताओं के रूप में उपस्थित थे!

 कार्यक्रम में डॉ. तरुण सैगल ट्रेजरार आईएमए, सीतापुर, डॉ. सुनील वैश्य सेक्रेटरी , एसोशिएट सेक्रेटरी डा पंकज अवस्थी, डा प्रशान्त टंडन, डा कैप्टन ए के सेठ, डा शालू कपूर चेयरपर्सन वोमेन डाक्टर्स विंग, बीoसीo एम० अस्पताल खैराबाद की बाल रोग विशेषज्ञ  डा सिस्टर सिन्थिया, फिजीशियन डा गिरीश, डा राजीव कपूर, डा चारू गोयल की गरिमामयी उपस्थिति रही!

गोष्ठी में डॉ.विवेकानंद सिंह, निदेशक हेड एन्ड नैक ऑन्कोलॉजी ने बताया कि हर 6 में से एक मौत कैंसर से होती है! हालांकि, कैंसर के अधिकांश मामलों में गतिहीन लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान जिम्मेदार होते हैं! बदलते लाइफस्टाइल ने इस बीमारी को और भी खतरनाक बना दिया! कैंसर के संकेतों का अंदाजा यदि पहले से लगा लिया जाए तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है! गले का कैंसर ऐसी बीमारी है जिसके संकेत बहुत पहले से दिखने लगते हैं! गले के कैंसर के लिए मुख्य रूप से सिगरेट, शराब, तंबाकू, गुटखा आदि जिम्मेदार होते हैं! यदि समय पर गले के कैंसर के संकेतों पर ध्यान दिया जाए तो इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है! कान में दर्द, गर्दन में सूजन, निगलने में परेशानी जैसे कुछ संकेतों के आधार पर शुरुआत में ही गले के कैंसर की पहचान की जा सकती है! अगर इन संकेतों पर व्यक्ति चौकन्ना हो जाए और डॉक्टर के पास पहुंच जाए तो आसानी से गले के कैंसर का इलाज किया जा सकता है!

मेदांता से आयीं न्यूरो सर्जरी विशेषज्ञ डॉ.प्रार्थना सक्सेना ने बताया कि ब्रेन सर्जरी के बारे में सोचकर ही लोग डर जाते हैं! हर कोई यही सोचता है कि सर्जरी का परिणाम पता नहीं क्या होगा.? हां, ये सर्जरी जटिल तो जरूर है, लेकिन सुरक्षित भी है! आमतौर पर ब्रेन सर्जरी सिर की चोट, ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन हैमरेज के लिए की जाती है! बीमारी की शीघ्र जांच के बाद एमआरआई, न्यूरो-कैथलैब, माड्यूलर आपरेशन थिएटर और न्यूरो-आईसीयू जैसी सुविधाओं से अच्छी तरह से लैस अस्पताल में सर्जरी की जाए तो खतरा बिल्कुल नहीं!

मेदांता से आये अभिषेक मिश्रा ने बताया मेदांता हॉस्पिटल कि सुपर स्पेशलिटी ओपीडी सेवा शहर के सहगल डायग्नोस्टिक में चल रही हैं जिसमे विभिन्न सुपर स्पेशलिटी विभाग के डाक्टर मेदांता से आते हैं!

इस अवसर पर डा. पी. के. धवन (अध्यक्ष आई.एम.ए.) ने उपस्थित अतिथितियों  एवं मीडिया कर्मियो को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मेदांता हॉस्पिटल की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा भविष्य में भी ऐसी संगोष्ठी का आयोजन किया जाना चाहिए! मेदांता से आए सभी डाक्टरों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया! इस अवसर पर सीतापुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.जी.एन.सैगल को उनकी उत्कर्ष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया!

संगोष्ठी में 70  से अधिक डाक्टरों ने भाग लिया!!

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