हज़रत बड़े मखदूम साहब अलैहिर्रहम का 523वा उर्स, मखदूम साहब के कपड़े और पगड़ी सज्जादानशीन शोएब मियां की सरपरस्ती में उठाये गए!
[ दरगाह बड़े मखदूम साहब में गागर चादर पेश की गई, अपने पड़ोसियों और अपने देश से मोहब्बत करें और उर्स की तमाम रस्मो रिवाज़ के साथ साथ नमाज़ की पाबन्दी अत्यावश्यक तभी हम होंगे कामियाब - तय्यब उस्मानी ]
खैराबाद (सीतापुर) :NKB NEWS:- स्थानीय दरगाह आलिया सादिया हज़रत बड़े मखदूम साहब अलैहिर्रहमा में चल रहे तीन दिवसीय 523 वें उर्स के तीसरे दिन सुबह मखदूम साहब के मकान से मखदूम साहब के कपड़े, पगड़ी आदि का जुलूस सज्जादानशीन शोएब मियां की सरपरस्ती में उठाया गया जिसे दरगाह पर पेश किया गया!
इस अवसर पर बहुत सादगी का माहौल रहा जबकि कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किया उसके बाद श्रद्धालुओं की ज़ियारत दर्शन के लिए रख दिया गया, इससे पूर्व रात में छोटे मखदूम साहब की दरगाह से गागर उठ कर दरगाह बड़े मखदूम साहब में पहुंचा ज़हां देर रात तक क़व्वाली हुईं और रात के समय फातेहा समपन्न हुआ!
इस अवसर पर सज्जादानशीन छोटे मखदूम साहब मदनी मियां, दरगाह हाफिजिया असलमिया के हाजी सैय्यद फुरकान मियां हाशमी, उन्नाव के सैय्यद ज़िया अलवी, मक़बूल अनवर क़लन्दर के सैय्यद तरीक़ मियां, खीरी के मुश्ताक अहमद मुश्शन मियां, सैय्यद हिलाल मुजीबी, सैय्यद मोइन अलवी, सैय्यद शारिक सफ़वी, सैय्यद रफी बक़ाई, दरगाह कमेटी सदर सैय्यद आमिर रिज़वी सेक्रेटरी जावेद मुस्तफ़ा टीटू खान, इस्तेफ़ा अली खान, सादी फारूकी, शोएब बक़ाई, शक़ील अहमद किदवाई, सैय्यद नवेद असलम हाशमी, सैय्यद जुगनू किरमानी, मतवल्ली इकराम हुसैन, आबिद बक़ाई आदि उपस्थित थे!
इसी क्रम में गागर से पूर्व मग़रिब की नमाज़ के बाद मस्जिद के उपस्थित जनसमुदाय को सज्जादानशीन शोएब मियां के सुपुत्र हसन साकिब तय्यब उस्मानी जो आलिम यानी धर्म गुरु की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं ने सम्बोधित करते हुए कहा कि अल्लाह तआला हम सबका मालिक और रहम करने वाला है वो हमारी तमाम ग़लतियों को मुआफ़ करने वाला भी है और क़यामत के दिन वो हमारी तमाम ग़लतियों को क्षमा भी करेगा लेकिन कब करेगा यह भी ध्यान रखना होगा कि जब अल्लाह के हबीब हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हम सबकी सिफारिश करेंगे लेकिन हमें ये सोंचना चाहिए कि आप हमारी सिफारिश क्यों फरमाएंगे जब हम न अल्लाह का कहना मानते है और न उसके रसूल का कहना मानते क्योंकि नमाज़ हमको पढ़नी नहीं अपने भाइयों से मामलात अच्छे रखेंगे नहीं सिर्फ उर्स में आकर क़व्वाली सुनकर चले जाएंगे तो फिर क्या उम्मीद रखें कि हमारी सिफारिश होगी जब हमारे आमाल इतने खराब है कि कुछ पूछना ही नहीं!
इस लिए हम सबको चाहिए कि अपने क्रिया कलाप दुरुस्त करें नमाज़ की पाबन्दी करें अपने माँ बाप बुजुर्गों का आदर सम्मान व सत्कार करें पड़ोसियों से मोहब्बत व हमदर्दी का मामला रखें और अपने मुल्क से हमदर्दी व मोहब्बत करें औलिया अल्लाह का एहतराम करें साथ हीअहले बैत से दिल से मोहब्बत करें तब तो हम उम्मीद करें कि शायद हमारा कुछ काम बन जाए अन्यथा कहीं पनाह की गुंजाइश नहीं है! कार्यक्रम का शुभारंभ तिलावते क़ुरआन से अर्सलान हसनी ने किया जबकि नात पाक हिलाल मुजीबी ने पढ़ा और अन्त में मुल्क में अमन शांति बनी रहे इसके लिए सज्जादानशीन शोएब मियां ने दुआ फरमाई जिस पर सभी ने आमीन कहा!
इस अवसर पर मदरसा आरफिया सैय्यद सरावां इलाहाबादसैय्यद लईक किरमानी, इमरान किरमानी, सैय्यद मुज़फ़्फ़र अली, आतिफ, अतीक, समर अहमद समेत हज़ारो लोग मौजूद रहे!!





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