अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन की अनुभवहीनता की वजह से पिटते आभियनाता व भीषण गर्मी झेलती जनता!
"वाह रे पावर कार्पोरेशन वाह"
लखनऊ - इस समय सम्पूर्ण भारत मे भीषण गर्मी पड रही है और *उत्तर प्रदेश की जनता उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे नियम विरुद्ध तैनात अनुभवहीन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारीगणो की अनुभवहीनता की वजह से गर्मी की मार झेल रही है जब कि विद्युत प्रचुर मात्रा मे माग से अधिक बिजली उपलब्ध है तो सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यो हो रहा है जगह जगह लाईनो मे फाल्ट आ रहा है!
परिवर्तको मे आग लग रही है पूरा तंन्त्र रातो दिन निर्बाध विद्युत आपूर्ती के लिए लगा हुआ है इसी समस्या के निदान के लिए हजारो करोड कि निविदाऐ निकाली गयी है और उन पर काम भी हो रहा है लेकिन फिर भी स्थिती नही सुधर रही है अपितु बद से बत्तर होती जा रही है आखिर ऐसा क्यो हो रहा है ?
तो जवाब है बडका बाबूओ की अनुभवहीनता/अध्यक्ष पावरकार्पोरेशन की अनुभवहीनता , उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार व सतो दिन धण्टो चलने वाली विडिओ कान्फ्रेंसिंग इसका मूल कारण प्रमुख है!
तो पाठको को लग रहा है कि इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग और विद्युत आपूर्ती , परिवर्तको के जलने, विद्युत लाईनो के टूट के गिरने व जलने का इस विडिओ कान्फ्रेंसिंग से क्या लेना देना ?
तो जवाब है कि जिन अधिकारी कर्मचारीयो का काम निर्बाध विद्युत आपूर्ती करने काम है वह तो हर समय इन बडका बाबूओ / अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन, निदेशक वितरण व प्रबन्ध निदेशक डिस्कॉमो की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग मे लगे रहते है या तो अपने अधीनस्तो से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे होते है या फिर होने वाली विडिओ कान्फ्रेंसिंग की तैयारियो मे लगे होते कि ना जाने कैन सा सवाल सहिब लोग पूछ ले और सन्तोष जनक जवाब ना देने पर कब साहिब लोग नाराज हो जाए और इसके कारण उनका निलम्बन हो जाए क्यो कि यह बडका बाबू लोग तो अपने को पावर कार्पोरेशन का जागीरदार समझते है व पावर कार्पोरेशन को अपनी जागीर यहाँ वह जो भी हुक्म देगे और इनके कारिदे जिनको आप अधिकारियो व* कर्मचारियो समझते है उस हुक्म को बिना सोचे समझे कि यह सही है या गलत , जनहित मे है कि विभाग हित मे बस उसको अनुपालन करने लग जाते है और इस काम मे सिरमौर है उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के निदेशक वितरण जो कि निदेशक बनाए जाने के बाद भी अपने को अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन का स्टाफ आफिसर कहलाना ज्यादा पसंद करते है!
वैसे चाटूकारो की कोई कमी कार्पोरेशन मे नही है इन चाटूकारो की चाटुकारिता का दुष्प्रभाव आज आम जनता को इस भीषण गर्मी मे विद्युत कटौती के रूप मे भुगतना पड रहा है क्यो कि इनके दुष्प्रभाव के कारण जब कर्मचारियो को कार्य करने के समय मे विडिओ कान्फ्रेंसिंग की तैयारी करनी पडती है जिसे अत्यधिक काम का दबाव के रूप मे देखा जा सकता है जैसे कि एक अधीशासी अभियन्ता सहायक अभियन्ता, जूनियर इन्जीनियर जिसको एक दिन मे जो काम करने पडते है उसका एक उदाहरण है जैसे IGRS पोर्टल 1912 ,1076 मुख्यमंत्री पोर्टल , झटपट कनेक्शन , निवेश मित्र, मीटर सम्बन्धित शिकायते , तेज चल रहे मीटरो को बदलना , सप्लाई , अनुरक्षण , समग्री प्रबन्धन आदि 52 कार्य है!
जिनको कि अधीशसी अभियन्ता व जूनियर इन्जीनियरो को अलग अलग अपने स्तरो पर देखने को मिलते है जो कि रोज रोज होने वाली विडिओ कान्फ्रेंसिंग के कारण नही हो पाते है क्यो कि जो विभिन्न स्तर व विभिन्न प्रकार की होती है, उसमे सम्मिलित होना पडता है जिसके कारण जनता की समस्याओ का निराकरण व निर्बाध आपूर्ती बनाए रखना मुमकिन नही है इन सब कार्यो को करते हुए भी निलम्बन की नंगी तलवार इनके सिरो पर लटकती रहती है अब बडकऊ का एक नया फरमान मीटर रीडिग करने वाली एजेन्सियो होने के बावजूद असिस्टेंट मीटर रीडिग का कार्य भी जूनियर इन्जीनियर को करना पडेगा और साथ मे राजस्व वसूली तो है ही इतना काम होने करने के लिए 24 घण्टे कम पडते है तो यह अधीशासी अभियन्ता सहायक अभियन्ता और जूनियर इन्जीनियर भी तो इन्सान है कोई मशीन नही कितना काम करेगे*
नियमतः 20,000 उपभोक्ताओ पर एक जूनियर इंजीनियर होना चाहिये यहाँ पर 40/ 50 हजार उपभोक्ताओ के अनुपात पर एक जूनियर इंजीनियर है यहाँ पर भी नियमो की अनदेखी वैसे तो बडकऊ पूर्व मे सबसे कहे चुके है! सभी स्तर के अधिकारी व कर्मचारी लोग स्वैच्छिक सेवानिवृत्त ले ले और वह सविदा पर कम वेतन पर नए कर्मचारियो की भर्ती कर लेगे यानि जबरा मारे और रोने भी ना दे!*
इन बडका बाबू जी लोगो को तो बस अपने वातानुकूलित कार्यालय मे बैठ कर कार्यो के लिए आदेश देना ही आता है!
जैसे कि 25 जोन को 40 जोन कर के सिर्फ खर्च बढा दिया और विद्युत आपूर्ती ध्वस्त कर दी । जब जनता रात और दिन सडक पर प्रदर्शन कर रही है अभियन्ता और कर्मचारी मारे जा रहे है जब यह ध्वस्त विद्युत आपूर्ती का हाल सूबे की राजधानी का है तो अन्य शहरो मे व ग्रामीण क्षेत्र मे विद्युत आपूर्ती कैसी होगी यह पाठक स्वयम समझ सकते है! खैर युद्ध अभी शेष है!
अविजित आनन्द (संपादक) समय का उपभोक्ता राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र लखनऊ

