‘‘एक दो तीन आ जा मौसम है रंगीन’’... कैबरे डांसर कुक्कू



हिन्दी फिल्मों में पहली डांसर के तौर पर यदि किसी को जाना जाता है तो वह अभिनेत्री कुक्कू हैं जिन्होंने परदे पर कैबरे डांसर के तौर पर दर्शकों को अपनी पहचान बनाई! उस दौर में हाल यह था कि निर्माता निर्देशक उनके घर पर लाइन लगाकर अपनी फिल्म में काम करने के लिए मनचाही रकम देते थें! कुक्कू की इतनी शोहरत थी कि एक गाने के वह छह हजार रुपए लेती थी! जबकि उस दौर में लोगों को कारखानों-दफ्तरों में 200 रुपये तनख्वाह भी नहीं मिलती थी!

कुक्कू का जन्म मुम्बई में 1928 में एक एंग्लो-इंडियन परिवार में हुआ था! पूरा नाम कुक्कू मोरे था! बचपन से ही उन्हे डांस का शौक था! 1946 में फिल्म ‘अरब का सितारा’ में पहली बार डांस का मौका मिला! इसके बाद निर्माता-निर्देशक फिल्म में खास तौर पर उनका डांस रखने लगे और कुक्कू हिंदी फिल्मों की पहली आइटम गर्ल बन गई!

बेशुमार दौलत की मालकिन डांसिग क्वीन कुक्कू पानी की तरह पैसा बहाती थी! आए दिन दोस्तों को घर पर बुलाकर पार्टियां देना शौक था! वह होटलों से खाना मंगाती और बचे हुए खाने को अक्सर फेंक दिया करती थी! मुम्बई में उनका अपना बंगला था, एक गाड़ी खुद के लिए, एक दोस्तों के लिए और एक अपने कुत्ते के लिए लेकिन वक्त ऐसा भी आया कि वह सब्जी वालों की फेंकी हुई सब्जी को उठा कर घर लाने को मजबूर हो गयी!

राजकपूर की फिल्म आवारा का आइटम गीत ‘‘एक दो तीन आ जा मौसम है रंगीन’’...फिल्म बरसात  में प्रेमनाथ के साथ ‘‘पतली कमर है तिरछी नजर है’’ के अलावा दिलीप कुमार पर फिल्माए फिल्म अंदाज के ‘‘झूम झूम के नाचे आज गाओ खुशी के गीत’’ में वह झूमती नजर आती है! इन फिल्मों के अलावा कुक्कू ने आन, चलती का नाम गाड़ी, यहूदी, बरसात, पतंगा, खोटा पैसा, फागुन और मुझे जीने दो समेत दो दर्जन फिल्मों में काम किया। कुक्कू एक ऐसी कलाकार थी जो दूसरों की मदद करने में कभी पीछे नहीं हटती थी!

 प्राण को बॉलीवुड में अहम रोल कुक्कू मोरे की सिफारिश के बाद ही मिला था! हेलन को फिल्मों में लाने का काम भी कुक्कू ने ही किया था! धीरे-धीरे हेलन और अन्य डांसर के आने से  उनको काम मिलना कम होता गया! 

महंगी लाइफ स्टाइल के कारण एक-एक कर उनकी कार और फिर बंगला बिक गया! नतीजा यह कि वह सड़क पर आ गईं! उन्हें किराये के मकान में रहना पड़ा! धीरे-धीरे किराये के पैसे देने के भी पैसे नहीं बचे और खाने के लाले पड़ गए! वह सड़क से सब्जियां बीनकर लाती थीं और पकाती थीं!

1980 में कुक्कू कैंसर हो गया। वह सड़कों पर भीख मांगने निकल पड़ीं क्योंकि दवा के लिए पैसे नहीं थे! जब इंडस्ट्री के लोगों को पता चला तो कुछ ने मदद करने की कोशिश की, मगर देर हो चुकी थी, मात्र 52 साल की उम्र में 30 सितंबर 1981 को मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में कुक्कू की मौत हो गई! जिस कुक्कू की एक झलक पाने के लिए लोग तरसते थे! उस अभिनेत्री के अंतिम दिन बेहद मुफलिसी में बीतें!!

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