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Showing posts from December, 2024

घर के दरवाज़े पर क्यों टांग रहे हैं लोग लाल-नीली बोतलें.?

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लाल-नीले पानी से भरी प्लास्टिक की बोतलें, जो अक्सर घरों के दरवाजो या दीवारों पर टंगी होती हैं, एक अजीबोगरीब परंपरा बन चुकी हैं! लोगों का मानना है कि ये बोतलें आवारा कुत्तों को घर के आसपास आने से रोकती हैं! लोगों का विश्वास और प्रथा -- कई लोग मानते हैं कि जब कुत्ते इन रंगीन बोतलों को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं और उस स्थान को छोड़ देते हैं! यह धारणा मुख्य रूप से उन लोगों के बीच फैली है जो आवारा कुत्तों की समस्या से परेशान हैं! विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, जहां कुत्ते अक्सर गंदगी फैलाते हैं, लोग इस उपाय को अपनाते हैं! विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक प्रकार का *टोटका* है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है! उदाहरण के लिए, कई लोग अपने घरों के बाहर लाल या नीले रंग की बोतलें टांगते हैं, यह सोचकर कि इससे कुत्ते दूर रहेंगे! क्या विज्ञान कहता है.? -- विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो कुत्ते कलर ब्लाइंड होते हैं, अर्थात् वे रंगों में भेद नहीं कर पाते, इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ बारी के वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि कुत्ते नीले और पीले रंग को देख सकते हैं, लेकिन लाल रंग उनके लिए अस्पष्ट होता है! इसका मतलब...

मख्दूम अब्दुल हक़ रुदौलवी का 608 वाँ उर्स ए मुबारक संपन्न

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( शिक्षण कार्य के लिए सय्यद ज़फ़र इकबाल को सम्मानित किया गया ) ( मदरसा शैखुल आलम अबरार नगर लखनऊ के बच्चो की दस्तारबंदी की गई! ) रूदौली ( अयोध्या ) NKB NEWS - साबरी सिलसिले के महान सूफी बुज़ुर्ग हज़रत मखदूम अहमद अब्दुल हक़ के 608 वाॅ उर्स में बड़ा खिरका पवित्र वस्त्र की जियारत शाह मोहम्मद अली आरिफ उर्फ़ सुब्बु मियां सज्जादा नशीन दरगाह मख़दूम अब्दुल हक रुदौलवी ने कराई! चिश्ती साबरी को मानने वालों का प्रमुख केंद्र रुदौली दरगाह शरीफ शेख मख्दूम अहमद अब्दुल हक की दरगाह विश्व में साबरी सिलसले का दूसरा प्रमुख केंद्र है! इस्लाम धर्म की साबरी मत के प्रसार का दूसरा स्थान रूदौली शरीफ की दरगाह को माना है कि यह सबसे पहले “कलियर से होता हुआ “पानीपत शरीफ पहुंचा फिर वहाँ से रूदौली शरीफ आया!  मखदूम साहब के गुरु हज़रत जलालुदीन कबीरुल औलिया थे! मखदूम साहब ने सरयु नदी अयोध्या में 9 महीने एक पैर पर खड़े होकर ईश्वर की तपस्या की और हक हक हक की सदाये बुलंद करते रहते थे! आपको दुआ हैदरी भी अता हुई! सदभाव, इंसानियत, अमन व प्रेम का संदेश दे रही मख्दूम साहब की दरगाह! आपके पोते शेख मोहम्मद के मुरीद वा दामाद हजरत...

सुब्बू मियां ने शेखुल आलम मेला गेट का किया उद्घाटन

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रुदौली (अयोध्या )- NKB NEWS- रुदौली दरगाह मख्दूम अब्दुल हक़ रुदौली शरीफ के सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद अली आरिफ "सूब्बू मियां" ने शेखुल आलम मेला गेट का फीता काट कर रवायती तौर से मेले का उद्घाटन किया!  हक़ फाउंडेशन के सदर शाह आमिर तबरेज, शाह फारूक अहमद,शाह उस्मान अहमद शाह यक़ीन अहमद, शाह अनवार अहमद, सय्यद रिज़वान उल्लाह, एजाज़ अहमद, आरिफ मुनीर, शाह फरीद अहमद,शाह इक़बाल अहमद, शाह नासिर , शाह राज़ अहमद,शाह सईद अहमद, शाह मोनिस अहमद, शाह दाऊद अहमद, शाह शबीह अहमद, शाह वसी अहमद, अहमद रजा, मोहम्मद अफाक रिज़वी, सुल्तान अहमद, यासिर कलीम, काज़ी शकेब, शाह यूसुफ, शाह मोहम्मद अहमद!  सभासद ताजुद्दीन पप्पू, शाह नोमान अहमद, मास्टर रिज़वान, काज़ी इबाद शकेब, सय्यद सिराज अहमद हाफ़िज़ सलीम कादरी, ऐनान मसूद शाह हमजा फारूकी, शाह तालिब, मोहम्मद शाहिद, शाह सरफराज अहमद, शाह नूरुद्दीन फैजी, चौधरी साकिब, मोहम्मद अली, जहूर अहमद, शाह अतीब अहमद, शाह साबित, शाह ज़ुहैब, मोहम्मद शाहबाज, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद रईस आफताब अहमद, समेत तमामी लोग मौजूद थे!!

अफसरो का दंश झेलते सिपाही

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 (सीईआर के लिए रिजर्व पुलिस लाइन भेजे गये सिपाही पूरा कर चुके हैं तीन माह से भी ज्यादा का समय नहीं हुई थाने में वापसी ) लखनऊ- ज्वांइट सीपी लॉ एंड आर्डर के आदेश पर सी०ई०आर० के लिए कमिश्नरेट लखनऊ के हर थाने से रिजर्व पुलिस लाइन भेजे गये करीब सौ सिपाहियों का तीन माह से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन उनकी थानों पर वापसी नहीं की गयी है! जानकारी के अनुसार जारी गस्ती में एक माह के लिए भेजे जाने का समय का नियम है! ऐसे में जिन पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था वह काफी परेशान हैं और उनका कहना है कि आखिर वह अपनी फरियाद लेकर किसके पास जाये जिससे उनके साथ इंसाफ हो सके और नियम के अनुसार जो प्रक्रिया संचालित हो सके! पुलिस विभाग में यह प्रचलन है कि जिले में कप्तान प्रत्येक थाने से एक या दो सिपाहियों को साल में एक बार अथवा एक माह के लिए पुलिस लाइन सीई आर के तहत प्रशिक्षण के लिए भेजता है ओर यह प्रक्रिया पूरे वर्ष होती रहती है ओर एक माह पूरा होते ही भेजे गये पुलिस कर्मियों को उनके थाने वापसी कर दी जाती है! लेकिन लखनऊ कमिश्नरेट में अफसरों के नियम ही कुछ अलग है! पांच सितंबर को सीईआर के लिए...