अफसरो का दंश झेलते सिपाही




 (सीईआर के लिए रिजर्व पुलिस लाइन भेजे गये सिपाही पूरा कर चुके हैं तीन माह से भी ज्यादा का समय नहीं हुई थाने में वापसी )

लखनऊ- ज्वांइट सीपी लॉ एंड आर्डर के आदेश पर सी०ई०आर० के लिए कमिश्नरेट लखनऊ के हर थाने से रिजर्व पुलिस लाइन भेजे गये करीब सौ सिपाहियों का तीन माह से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन उनकी थानों पर वापसी नहीं की गयी है! जानकारी के अनुसार जारी गस्ती में एक माह के लिए भेजे जाने का समय का नियम है! ऐसे में जिन पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था वह काफी परेशान हैं और उनका कहना है कि आखिर वह अपनी फरियाद लेकर किसके पास जाये जिससे उनके साथ इंसाफ हो सके और नियम के अनुसार जो प्रक्रिया संचालित हो सके!

पुलिस विभाग में यह प्रचलन है कि जिले में कप्तान प्रत्येक थाने से एक या दो सिपाहियों को साल में एक बार अथवा एक माह के लिए पुलिस लाइन सीई आर के तहत प्रशिक्षण के लिए भेजता है ओर यह प्रक्रिया पूरे वर्ष होती रहती है ओर एक माह पूरा होते ही भेजे गये पुलिस कर्मियों को उनके थाने वापसी कर दी जाती है! लेकिन लखनऊ कमिश्नरेट में अफसरों के नियम ही कुछ अलग है! पांच सितंबर को सीईआर के लिए हर थाने से करीब सौ सिपाहियों को रिजर्व पुलिस लाइन भेजा गया था जिनको एक माह बाद थाने वापस लौटना था जो नियम है लेकिन तीन माह से भी अधिक समय हो गया है!

इन सिपाहियों की न तो थाने वापसी की गयी और न ही कोई नई गश्ती ही निकाली गयी है! ऐसे में पुलिस लाइन में प्रश्क्षिणलेने गये सिपाहियों की गश्ती न होने से वह भी काफी परेशान हैं! गौर करने वाली बात यह भी है कि यदि एक माह में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद दूसरी गश्ती की जाती है और हर थाने से दूसरे सिपाही भेजे जाते हैं! ऐसे में यह प्रक्रिया लगभग शून्य सी हो गयी है! ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि अफसरों की इस अंदेखी के कारण पुलिस व्यवस्था प्रभावित हो सकती है!!

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