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Showing posts from November, 2023

शिब्ली डे, उपलब्धि दिवस के रूप में मनाया जाता है! - 18 नवम्बर

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शिब्ली कॉलेज और दारुल मुसन्निफीन (जिसका अर्थ ' लेखकों का घर 'होता है) "आज शिब्ली डे है, अमूमन सभी हस्तियों के पैदाइश के दिन उनका 'डे' मनाया जाता है मगर शिब्ली की सबसे बड़ी उपलब्धि 'शिब्ली एकेडमी' की स्थापना और उनकी मृत्यु दोनों की तारीख 18 नवंबर ही थी! इसीलिए शिब्ली डे उनके जन्मदिन 3 जून के बजाय उपलब्धि दिवस के रूप में मनाया जाता है! ( यूसुफ़ नोमानी लिखते हैं!) आजमगढ़ से यूं तो महाकवि हरिऔध, महापंडित राहुल सांकृत्यायन जैसी अनेकों हस्तियां थीं, मगर एक नाम जो सबसे ज्यादा लिया जाता रहा है वो है अल्लामा शिब्ली नोमानी का! आखिर कौन थे शिब्ली नोमानी.? पूरा आजमगढ़ शहर उनका नाम गिनाता जरूर है, मगर उनकी उलब्धियां गिने चुने लोग ही बता पाते हैं! बहरहाल, शिब्ली नोमानी का जन्म गांव बिंदवल में सन 1857 ई. के एक ऐसे दिन हुआ जब आजादी को पहली लड़ाई देश में शुरू हुई थी और उसी जंग ए आज़ादी के सिलसिले में आजमगढ़ के लोगों ने अंग्रेजों की जिला जेल को तोड़कर बहुत से क़ैदियों को निकाल लिया था! उसी दिन ही काली अंधेरी, तूफ़ानी रात में जब शिब्ली जन्मे तो उनका नाम रखा गया शिब्ली, जिसका मतलब...

सहारा को बेसहारा करने वाले रोशनलाल

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( सहारा ने 31669 कार्टन को 127 ट्रक में डाक्यूमेंट् भरकर सेबी के दफ़्तर भेज दिया, कि लो पढ़ लो और करो जाँच! ) बीस साल भी नहीं बीते हैं इस बात को जब सुब्रत रॉय सहारा के बेटे की शादी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अपने पूरे परिवार के साथ बारात में नाच रहे थे, देश के प्रधानमंत्री घुटने ख़राब होने के बावजूद मंच पर चढ़ कर वरवधू को आशीर्वाद दे रहे थे!  देश का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं बचा था जिसकी गिनती देश के बड़े लोगों में होती हो और वो उस शादी में लखनऊ न पहुँचा हो, पच्चीसों मुख्यमंत्री पूरी केंद्र सरकार और यूपी सरकार वहाँ थी, लोकसभा, राज्यसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के मेम्बर शायद ही कभी एकसाथ कहीं और जुटे हों! कभी साइकिल पर घूम घूम कर नमकीन बिस्कुट बेचने वाले सहारा उस वक़्त, आज के अंबानी अड़ानी और टाटा से ज़्यादा शक्तिशाली दिखने लगे थे! लेकिन अपने शक्ति और साम्राज्य विस्तार के एक कदम में सहारा ऐसे फँसे की अंत तक एकदम बेसहारा और लाचार हो गए और उसी लाचारी की स्थिति में कल वो इस दुनिया से विदा भी हो गए! उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा रहा होगा कि रोशनलाल नाम का एक आदमी जो इंदौर का र...

टोल-प्लाजा पर बिना शुल्क दिये वाहन निकालने संबंधित नियम

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 हर वाहन चालक को NHAI द्वारा दिनांक 26 मई 2021 को पारित “टोल-प्लाजा पर बिना शुल्क दिये वाहन निकालने संबंधित” नियम की जानकारी होनी चाहिए। विदित हो कि, NHAI ने दो साल पहले एक नियम जारी किया था, जिसके तहत टोल बूथ पर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस तरह टोल प्लाजा पर ट्रैफिक को बिना रोक-टोक गुजरने में मदद मिलती है। टोल प्लाजा से 100 मीटर की दूरी दिखाने के लिए हरेक टोल लेन पर एक पीली पट्टी होती है। अगर आपकी कार 100 मीटर से ज्यादा लंबी लाइन में फंसी है तो आपको बिना टोल चुकाए गाड़ी चलाने की इजाजत होगी। NHAI की गाइडलाइंस के मुताबिक, 10 सेकेंड से ज्यादा इंतजार करने पर आप बिना टैक्स दिए निकल सकते हैं। आपके सहायता हेतु आदेश की कॉपी हमारे द्वारा शेयर किया जा रहा हैं। अगर इसके बाद कोई समस्या हो तो आप NHAI की हेल्पलाइन 1033 पर संपर्क कर सकते हैं।

हज यात्रियों की ख़िदमत के लिए डेपुटेशन पर मक्का-मदीना भेजे जाएंगे भारतीय अधिकारी- हज 2024

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लखनऊ- NKB NEWS :- हज-2024 के लिए सऊदी अरब के जेद्दा स्थित काउंसुलेट जनरल आफ इंडिया कार्यालय में भारत के समन्वयकों (प्रशासन), सहायक हज अधिकारियों तथा हज सहायकों की अस्थायी प्रतिनियुक्ति की जाएगी! इन सभी को मक्का मदीना, जेद्दा में हज टर्मिनल, मिना, मुजदल्फा और अराफात अदि में तैनात किया जाएगा! मंत्रालय के मुताबिक अगले वर्ष देश भर की राज्य हज कमेटियों की मार्फत 1 लाख 40 हजार लोग हज करने जाएगे, जिसके लिए अल्पसंख्यक सकते हैं आवेदन! हज कमेटी आफ इंडिया ने देश भर से हज 2024 के लिए तैयारियां शरू कर दी हैं! अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने हज यात्रियों की सहायता के लिए जेद्दा स्थित काउंसुलेट जनरल आफ इंडिया कार्यालय में अस्थायी प्रतिनियुक्ति के लिए सिर्फ मुस्लिम समुदाय के पुरुष और महिला अधिकारियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है! आवेदन की आखिरी तारीख 26 दिसम्बर है! समन्वयक (प्रशासन) के पद के लिए अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सिविल सेवाओं के अधिकारी आवेदन कर सकते हैं! केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के तहत स्तर 12 या 13 में अखिल भारतीय सेवा / केंद्रीय सिविल सेवा से होना चाहिए! उसकी आयु 45 वर्ष से कम होनी च...

मोहम्मद शमी ईद वाले दिन भी नमाज़ अदा करने के बाद गेंदबाजी करने पहुंच जाते थे!

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( मोहम्मद शमी कोच से पुरानी गेंद लेकर रिवर्स स्विंग की प्रैक्टिस करते थे! ) मोहम्मद शमी के पिता तौसीफ अली अमरोहा के सबसे तेज गेंदबाज हुआ करते थे! उनके यॉर्कर अक्सर बल्लेबाजों के डंडे बिखेर देते थे!दुनिया भर के लोग कहते थे कि जाओ और जाकर क्लब में प्रोफेशनल क्रिकेट की ट्रेनिंग लो! तुमसे बड़ा क्रिकेटर पूरे उत्तर प्रदेश में दूसरा कोई नहीं होगा, पर तौसीफ अली के पास पैसे नहीं थे! सलाह तो हर कोई देता था, लेकिन आर्थिक सहायता करने वाला कोई नहीं था! मोहम्मद शमी के पिता ने इसी को अपना मुकद्दर मान लिया! अम्मी-अब्बू के कहने पर पारिवारिक जिंदगी शुरू कर दी! तौसीफ अली के 5 बेटे हुए और पांचों के भीतर क्रिकेट शुरू से रचा बसा हुआ था! इन सब में नन्हा शमी सबसे तेज था! अब्बू की क्रिकेट की ट्रेनिंग में सबसे जल्दी मोहम्मद शमी नई चीज सीखते थे!  तौसीफ अली को यकीन हो गया कि मेरा क्रिकेटर बनने का अधूरा ख्वाब मोहम्मद शमी पूरा करेगा! तौसीफ अली को एहसास था कि वह बड़े क्रिकेटर क्यों नहीं बन सके? वह बेटे के सपने को पूरा करने के लिए हर हद से गुजर जाने को तैयार थे! तौसीफ अली बेटे के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना च...