ताबूत ए सकीना
ताबूत (सन्दूक) ए सकीना का ज़िक्र कुरआन शरीफ में किया गया है, ताबूत ए सकीना क्या है ? यह शमशाद की लकड़ी का एक संदूक था, जो सबसे पहले हजरत आदम अलैहिस्सलाम के पास था, उनके बाद ये आपकी औलादों के पास से होते हुए बनी इसराइल के कब्जे में रहा और जब बनी इसराइल तरह-तरह के गुनाहों में शामिल हो गए तो अल्लाह का अजाब उन पर नाजिल हुआ और फिर अल्लाह ने इस ताबूत की हिफाजत के लिए फरिश्तों को मुकर्रर (तैनात) कर दिया जो इस ताबूत को अपने सरो पर रखा करते थे! बाद में फरिश्तों ने इस ताबूत को बनी इसराइल के नबी हजरते शमवील की खिदमत में उस वक्त लेकर आये जब उन्होंने तालूत को बादशाह बना दिया, मगर बनी इसराइल ने कहा जब तक वो संदूक नहीं मिल जाती, तब तक हम तालुत की बादशाहत कुबूल नहीं करेंगे और इस तरह से ये ताबूत फिर बनी इसराइल के पास आ गया! कुराने मजीद की आयत सूर ए बकरह में खुदावंदे कुद्दुस ने इस मुकद्दस संदूक का तस्कीरा कुछ इस तरह से फरमाया है ( तर्जुमा कन्जुल ईमान ), और उनके नबी ने फरमाया उसकी बादशाही की निशानी यह है कि आये तुम्हारे पास ताबूत जिसमें तुम्हारे रब की तरफ से तुम्हारे दिलों का चैन है, और कुछ बची हुई चीजे है...